Title: SAHIL AND OTHERS v. STAFF SELECTION COMMISSION NORTH WESTERN REGION AND OTHERS
सरकारी नौकरियों में गड़बड़ी पर हाई कोर्ट सख्त।
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल करना को एक गंभीर अपराध माना है और इस दिशा पर सख्ती से रोक लगाने के आदेश दिए।
मुख्य बाते
1. सरकारी नौकरी में फर्जी प्रमाणपत्रों का उपयोग
6 अभ्यर्थियों ने फर्जी विकलांगता प्रमाणपत्र का उपयोग करके परीक्षा में अतिरिक्त सुविधाएं प्राप्त की जैसे अधिक समय और लेखक में दूसरे की मदद लेना
ये प्रमाणपत्र उत्तर प्रदेश और हरियाणा के विभिन्न जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के नाम पर जमा किए गए है जबकि, जबकि अभ्यर्थी उन जिलों के निवासी नहीं थे।
जांच में यह भी पाया गया कि ये प्रमाणपत्र असली नहीं थे।
2. कोर्ट का निर्णय
हाई कोर्ट ने इन 6 अभ्यर्थियों को 3 साल के लिए सरकारी नौकरियों से प्रतिबंधित कर दिया।
मामले की रिपोर्ट वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भेजने और इन अभ्यर्थियों के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के तहत कार्रवाई करने के आदेश दिए गए।
High court ने हरियाणा Vigilance Bureau को इस मामले की जांच करने का आदेश दिये है।
3. कोर्ट की सख्त टिप्पणियाँ
न्यायमूर्ति विनोद भारद्वाज ने कहा कि फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर सरकारी नौकरियों प्राप्त करना कानून का गंभीर उल्लंघन है और ऐसा करने से ईमानदार अभ्यर्थियों की उम्मीदवारों के अधिकारों का हनन होता है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि फर्जी आरक्षण, खेल कोटा और अन्य लाभ लेने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, जिसे सख्ती से रोका जाना चाहिए।
जब जांच की बात हुई, तो याचिकाकर्ताओं के वकील ने याचिका वापस लेने की कोशिश की, जिससे कि साफ पता चलता है कि वे अपने दस्तावेजों की जालसाजी से अवगत है और कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं
अंतिम निर्देश:
SSC (North West Region), चंडीगढ़ को सभी फर्जी दस्तावेजों के मामलों की रिपोर्ट SSP, चंडीगढ़ को देने का आदेश।
SSP, चंडीगढ़ और हरियाणा सतर्कता ब्यूरो को तीन महीने के भीतर जांच रिपोर्ट कोर्ट में जमा करने का निर्देश।
निष्कर्ष:
यह फैसला सरकारी परीक्षाओं में धोखाधड़ी रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है